जायफल (Nutmeg) एक लोकप्रिय मसाला है जिसका पूरी दुनिया भर में उपयोग किया जाता है| दरअसल, यह ‘मिरिस्टिका फ्रैग्रांस’ (Myristica fragrans) नामक एक सदाबहार पेड़ के बीजों से पाया जाता है। यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनाडा, केरल, श्रीलंका, और दक्षिणी अमेरिका में खूब पैदा होता है।
मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। इन बीजों के उपर एक छिलका या बीजोपांग (aril or mace) होता है जो इसे चारों और से ढकता है। इसे जावित्री कहते है जिसका भी मसलों में इस्तमाल होता है।
जायफल के पेड़ लगभग २० मीटर (६५ फीट) की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। वे बुवाई के आठ साल बाद फल देना शुरू करते है और ६० साल या उससे अधिक समय तक फल देते हैं। एक परिपक्व पेड़ सालाना लगभग २००० जायफल पैदा करता है।
खुबानी के समान दिखनेवाला फल पूरी तरह से परिपक्व होने पर दो भागों में विभाजित हो जाता है l
इसके अंदर एक क्रिमसन-रंग की पपड़ी जिसे aril या mace कहते दिखाई देती है और इसके अंदर होता है चमकदार भूरे रंग का बीज जिसे जायफल कहते है।
पके फलों को पेड़ से निकालकर, दो भागों को अलग कर, mace सहित जायफल को निकाल लेते है l इसे विशिष्ट स्थान में ले जाते है और mace को हटा कर, चपटा कर दिया जाता है और सूखाया जाता है। अंदर के बीज,जायफल को छह से आठ सप्ताह धीरे-धीरे धूप में सुखाया जाता है l इस दौरान जायफल सिकुड़कर अपने उपरी कठीन कवच से अलग हो जाता है जिसे तोड़कर अंदर के जायफल को निकाल लेते है l
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