वाह “पुरणपोली”।
इसे मराठी मे “पुरणपोळी” कहते हैं। यह हमारे महाराष्ट्र के हर त्योहार व अधिकतर पूजा के भोग हेतु अनिवार्य व्यंजन होता है।
यहां मै शुद्ध मराठी (ब्राह्मण) तरीके की रेसिपी शेयर कर रहा हूं, जिसे मै बचपन से मां के हाथ से बनी खाता आया हूं।
आवश्यक सामग्री –
पुरण हेतु –
चने की दाल – 250 ग्राम
गुड – 150 ग्राम
चीनी – 100 ग्राम
जायफल – आधा नग
बडी इलायची – दो नग
शुद्ध घी – 1 बडा चम्मच पुरण हेतु
पोळी / रोटी हेतु –
गेहूं का आटा – 200 ग्राम
मैदा – 100 ग्राम
रिफाइंड तेल – 1 टेबल स्पून (सरसों के अतिरिक्त)
शुद्ध घी – पोळी पर लगाने हेतु आवश्यक्तानुसार
चावल का आटा – आधा कटोरी
विधी –
चने की दाल को 4/5 घंटे हेतु पानी मे फुला दे। फूली दाल मे घी के अलावा शेष पुरण की सामग्री व एक डेढ कप पानी मिला कर कुकर मे डालें, व फुल प्रेशर पर 7–8 मिनट पकने दे, जब कुकर का प्रैशर खत्म हो जावे दाल का मिश्रण निकाल कर ठंडा करें व मिक्सी मे पीस लें।
अब कडाही मे एक टेबल स्पून घी लेंं, गर्म करें व उसमे पुरण का पिसा मिश्रण डाल कर लगातार चलाते हुए मिश्रण को गाढा होने दें।
जब पुरण गूथे आटे समान गाढा हो जावे, उसे अलग रख दें।
अब आटा, मैदा चुटकीभर नमक व तेल अच्छी तरह मिक्स करें व रोटी जैसा नरम आटा लगा कर 15 मिनट सेट होने के लिए ढक कर रखें।
अब रोटी बनाना प्रारंभ करें।
सामान्य रोटी से थोडी बडी लोई लें उसे बेल कर करीब चार इंच का बनाऐं अब उसे कप जैसा बना कर उसमे पुरण की मीडियम नीबू के आकार की गोली रखें व बंद करें। अब सावधानी से रोटी बेलें जब करीब 8 इंच की हो जाऐ मीडियम गर्म मोटे तवे पर दोनो ओर से लाइट ब्राउन सेंक लें।
जब सारी रोटियां सिंक जावें उन पर ढेर सारा शुद्ध घी लगा कर सर्व करें “पुरण पोळी”
उर्फ “पुरन पोली”
नोट – इसे बेलते समय चावल का आटा लगा कर बेलने की परंपरा है।
इन्हे हल्का सेंकने के बाद परांठे के समान घी लगा कर दोबारा सेंक कर भी सर्व करते हैं। मुझे इस प्रकार की अधिक पसंद है।
बिना फ्राय पुरण पोली
फ्राय पुरन पोळी
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