Author: indiangagets

  • हरे मटर से आप कितने प्रकार का व्यंजन बनाते हैं?

    हरे मटर की बहुत ही अच्छी खीर बनती है। हम हर वर्ष मटर के मौसम मे एक दो बार हरे मटर की खीर जरूर बनाते हैं।
    इस बार आप भी ट्राय करें “हरे मटर की खीर”
    आवश्यक सामग्री –
    1 कप – हरी मटर (नरम मीठे मटर लें)
    2-1/2 बड़ा कप – फुल क्रीम दूध
    1 बड़ा चम्मच – देसी घी
    आधा छोटा चम्मच – इलायची पाउडर
    एक छोटा कप – चीनी
    4-5 बादाम बारीक कटा हुआ
    8-10 पिस्ते बारीक कटे हुए
    विधी –
     सबसे पहले मटरके दाने अच्छे से धो लें।
     मीडियम आंच में एक प्रेशर कूकर में मटर व 1 कप पानी डालकर 2 से 3 सीटी में पकाएं और आंच बंद कर दें।
    जब कूकर का प्रैशर खत्म हो जावे मटर को एक बर्तन में निकालें और ठंडा होने के लिए रख दें।
    मटर के ठंडा होते ही इसे दूध के साथ मिक्सी में महीन पेस्ट बना लें।
    अब दोबारा धीमी आंच में एक भारी तले वाले पैन में घी गर्म करने के लिए रखें।
    घी के गर्म होते ही पैन में मटर प्यूरी डालें और 4 से 5 मिनट तक कड़छी से लगातार चलाते रहें।
    5 मिनट बाद आप देखेंगे कि प्यूरी गाढ़ी हो चुकी है।
    प्यूरी में दूध मिलाएं और लगातार चलाते रहें।
    जब दूध और मटर प्यूरी अच्छे से मिक्स हो जाए तब चीनी, बादाम और पिस्ता मिलाकर 5 मिनट तक पकाएं।
    अब इलायची पाउडर, डालकर दोबारा 2–3 मिनट तक और पकाएं फिर आंच बंद कर दें,
    हरे मटर की खीर तैयार है।
    बारीक कटे बादाम से सजा कर ठंडा या गर्म जैसे चाहेंं सर्व करें।
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  • घर पर स्वादिष्ट चावल कैसे बनाएं?

    जीरा चावल – Jeera Rice Recipe –
    • थोडे से साबुत मसाले और जीरे के फ्लेवर से बने जीरा चावल या जीरा पुलाव आसानी से बन जाने वाला पुलाव है. इसे चाहे तो दाल, सब्जी या करी के साथ या सिर्फ अचार के साथ परोसिये. ये हर तरह से स्वादिष्ट लगते हैं.
    आवश्यक सामग्री – Ingredients for Jeera Pulao
    • बासमती चावल – 1 कप
    • घी या तेल – 2 -3 टेबल चम्मच
    • हरा धनियां – 2-3 टेबल चम्मच, बारीक कटा हुआ
    • जीरा – 1 छोटी चम्मच ऊपर तक भरी हुई
    • नीबू – 1
    • साबुत मसाले – 1 बड़ी इलाइची, 4 लोंग, 7-8 काली मिर्च और 1 इंच दाल चीनी का टुकड़ा
    • नमक – 1 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)
    विधि -How to Make Jeera Rice
    चावल को साफ कीजिये और धोकर 1/ 2 घंटे के लिये पानी में भिगो दीजिये. आधा घंटे बाद चावल से अतिरिक्त पानी निकाल कर हटा दीजिये.
    किसी बर्तन में घी डालकर गर्म कीजिये, घी गर्म होने पर जीरा डालकर हल्का सा भूनिये (जीरा काला नहीं होना चाहिये), साबुत मसाले, दाल चीनी, काली मिर्च, लोंग और इलाइची भी डाल दीजिये और हल्का सा भून लीजिये, अब भीगे हुये चावल डाल दीजिये.
    चावलों को मसाले में मिलाते हुये और चमचे से लगातार चलाते हुये 2 मिनिट भून लीजिये. अब 2 कप पानी डाल दीजिये, नमक भी डाल दीजिये और नीबू का रस निचोड़ कर चावलों में डाल दीजिये (नीबू का रस डालने से चावल का कलर और स्वाद अच्छा आता है), अच्छी तरह मिला दीजिये, चावलों को धींमी आग पर 5 मिनिट तक पकने दीजिये, 5 मिनिट बाद चावलों को खोलिये और चैक कीजिये, चावलों को अच्छी तरह चला दीजिये.
    चावलों को वापस ढककर फिर से 5 मिनिट धीमी आग पर पकने दीजिये, खोलिये और चावल को चैक कीजिये, चावल पूरी तरह से नहीं पके हैं, अभी चावल में पानी दिख रहा है, चावलों को चला दीजिये और ढककर फिर से 3-4 मिनिट पकने दीजिये, चावल चैक कीजिये चावल में पानी खतम हो गया हैं, चावल नरम और लम्बे हो गये हैं, चावल बन चुके हैं. गैस बन्द कर दीजिये.
    चावल को ढककर 10-15 मिनिट उसी बर्तन में रहने दीजिये. 15 मिनिट बाद खिले खिले जीरा राइस तैयार हैं, जीरा राइस के ऊपर हरे धनिये डालकर गार्निस कर दीजिये, परोसिये और खाइये.
    सुझाव:
    चावल को तेज आग पर बनायें तो पानी भाप बनकर उड जाने के कारण चावल इतने पानी में अच्छी तरह से नहीं पकेंगे. धीमी आग पर ही चावल को पकाना है.
    • 3-4 सदस्यों के लिये
    • समय – 25 मिनिट
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  • सूजी के हलवे को और अधिक स्वादिष्ट कैसे बना सकते हैं?

    मै अभी कुछ दिन पहले बैंगलोर में था. वहाँ सूजी का हलवा बहुत लोकप्रिय हैं और हर नाश्ते के होटल मेंं मिलता हैंं.
    इसको वहाँ ‘केशरी बाथ’ कहते हैं. यह थोड़ा अलग और बहुत स्वादिष्ट होता हैं।
    हम अपने हलुए में कुछ बदलाव कर के एक नया पन ला सकते हैं और अधिक स्वादिष्ट बना सकते हैं।
    • देसी घी में सूजी डालने से पहले कुछ लौंग को तड़काएं ( एक कटोरी हलुवे मेंं एक लौंग ,भई मुझे तो यही समझ आया,कभी मेरे हलुए मेंं एक लौंग आई कभी वो भी नही पर लौंग की भीनी खुशबू बहुत अच्छी लगती)
    • बाथ में बारीक कटा अन्नानास डालते हैं. हम भी अपने सूजी के हलवे में थोड़ा बारीक कटा अन्नानास डाल दें इसे नया स्वाद दे सकते हैं ।
    • केशरी बाथ मे केशरिया रंग डालते ,केशर सीरप डालते है।
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  • चिली सॉस बनाने की विधि

    चिली सॉस दो प्रकार के होते है।
    “रैड चिली सॉस व ग्रीन चिली सॉस”
    ये दोनो बनाना बहुत आसान है, यहां मै दोनो प्रकार के सॉस बनाने की विधी दे रहा हूं।
    रेड चिली सॉस –
    लगभग 100 ग्राम सूखी लाल मिर्च लें, व उन्हे लगभग 250 मिलीलिटर साफ गुनगुने पानी मे डुबा दें।
    करीब 2–3 घंटे बाद, जब वे अच्छी तरह पानी सोख कर फूल जावें, पानी से निकाल लें।
    अब उन्हे 50 मिलीलिटर सिरका डाल कर मिक्सी मे अच्छा महीन टोमैटो सॉस जितना गाढा पेस्ट बना लें, अधिक आवश्यक्ता पडे तो थोडा मिर्च वाला पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रेड चिली सॉस तैयार है, इसे बॉटल मे निकाल कर रखें।
    अगर आप “चिली गर्लिक सॉस” बनाना चाहें तो मिर्च पीसते समय 5–7 बडी कली लहसुन की भी साथ मे पीस दें।
    ग्रीन चिली सॉस –
    सामग्री –
    100 ग्राम गहरे हरे रंग की पतली तीखी मिर्च
    100 ग्राम हरी मोटी कम तीखी मिर्च
    50 ग्राम अदरक
    50 से 100 मिलीलिटर सिरका
    1 टी स्पून नमक (स्वादानुसार)
    विधी –
    दोनो प्रकार की कटी मिर्च, कटी अदरक व नमक को मिक्सी मे सिरके के साथ बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। सिरका इतना डालें कि टमाटर सॉस जैसा मामूली गाढा पेस्ट बन जाऐ।
    अगर आप इन दोनो सॉस को 15/20 दिन से अधिक हेतु रखना चाहते हैं, तो दोनो मे प्रति 250 मिलीलिटर मे चौथाई टी स्पून “सोडियम बेंजोएट” या “पोटेशियम मेटा बायसल्फाइड” मिला दें।
    इससे सॉस वर्ष भर खराब नही होगा।
    नोट – मेरा सुझाव है कि कोई भी रसायन मिलाने से बेहतर है कि कम मात्रा मे बना कर फ्रिज मे रखें। वह फ्रिज मे माह दो माह खराब नही होगा।
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  • उत्तपम बनाने की क्या विधि है?

    उत्तपम –
    आवश्यक सामग्री –
    मोटा (सस्ता) चावल – 100 ग्राम
    बिना छिलके वाली उडद दाल – 50 ग्राम
    रिफाइंड तेल – 2 बडे चम्मच
    प्याज 1 – मीडियम, पतला लंबा कटा
    टमाटर – 1 मीडियम, पतला लंबा कटा
    हरी मिर्च – 2, बारीक कटी
    हरा धनिया – 5/6 स्टिक, मोटा कटा
    करी पत्ते – 10/12 बारीक कटे
    नमक – स्वादानुसार
    विधी –
    100 ग्राम चावल व 50 ग्राम बिना छिलके वाली उडद दाल दोपहर मे धो कर आधा लिटर पानी मे अलग अलग फुला दें। उसे रात को बारीक पीस लें, पीसते समय दाल वाला पानी ही इस्तेमाल करें।
    सुबह तक इस मिश्रण मे खमीर आ जाएगा। इस मिश्रण मे स्वादानुसार नमक मिला लें। अगर अधिक गाढा हो तो थोडा पानी मिला लें।
    (यह दोसे का बेसिक बैटर है, आप इससे दोसा, इडली, आंध्र का डब्बा दोसा व अप्पम भी बना सकते हैं।)
    उत्तपम बनाना प्रारंभ करें।
    एक फ्लैट नानस्टिक तवा (जिस पर दोसा बनाते हैं) गैस पर मीडियम आंच पर रखें। जब वह गर्म हो जाऐ उस पर चौथाई चम्मच तेल डाल कर फैलाऐं व थोडे पानी के छींटे मारें। इससे वह चारों ओर से एक जैसा गर्म हो जाऐगा।
    अब उस पर एक मीडियम कटोरी बैटर डालें व कटोरी के तले से मोटा फैलाऐं, करीब 7/8 इंच गोलाई मे। उस पर थोडी प्याज, टमाटर, मिर्च, धनिया व करी पत्ता फैलाऐं। वह बैटर के ऊपरी गीले हिस्से पर चिपक जाऐगा।
    करीब 2/3 मिनट बाद उसे पलट कर 3/4 मिनट सेंक लें।
    आपका उत्तपम तैयार है, इसे दोसे वाली नारियल की चटनी के साथ सर्व करें, खाऐं व खिलाऐं।
    (चित्र गूगल से साभार)
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  • दादी या नानी की टिप्स जिससे खाने का स्वाद बढ़ जाए?

    • पकौड़ी का मिश्रण तैयार करते समय उसमें दूध मिला लें। एक बात का ध्यान रखें नमक दूध के बाद मिलाएं, इससे पकौड़ी कुरकुरी बनेंगी।
    • नूडल्स उबालते समय चिपक जाते हैं, तो इसे उबलने के बाद छलनी से छानकर फ़्रिज के ठंडे पानी से धो दें, ऐसा करने से नूडल्स चिपकेंगे नहीं।
    • चावल की खीर बनाते समय उसमें चुटकी भर नमक डाल दें इससे खीर मीठी कम लगेगी और इसे गाढ़ा करने के लिए एक चम्मच मक्के का आटा मिला लें।
    • आलू के पराठे को टेस्टी बनाने के लिए उसकी स्टफ़िंग में कसूरी मेथी और मैगी मसाला मिला लें, स्वाद दोगुना हो जाएगा।
    • चावल बनाते समय पानी का अंदाज़ रखना बहुत ही कठिन काम है। इसलिए अगर पानी कम या ज़्यादा हो जाता है, तो चावल बनाते समय एक चम्मच तेल और नींबू के रस की कुछ बूंदे डाल दें, चावल खिले-खिले बनेंगे।
    • इडली या डोसा बनाते समय उसकी सामग्री में एक चम्मच मेथी दाना डालकर बैटर बनाए. इससे इडली या डोसा टेस्टी बनेंगे।
    • कढ़ी बनाते समय दही फट जाता है, तो एक काम करें. जब कढ़ी बनाएं तो उसे लगातार चलाते रहें और उसके बाद नमक मिलाएं. दही नहीं फटेगा।
    Image Source:- Google
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  • सरसो का साग बनाने की विधि

    सरसों और पालक के मोटे डंठल हटाकर अच्छी धो लें. कच्चे और मुलायम डंठल को न हटाएं क्योंकि यह आसानी से गल जाते हैं।
    1- पालक और सरसों को अलग-अलग रखें क्योंकि सरसों के पत्तों को गलने में ज्यादा समय लगता है जबकि पालक जल्दी गल जाती है।
    2- अब एक बर्तन में 2 कप पानी गरम करें. इसमें आधा छोटा चम्मच नमक डालें. फिर इसमें सरसों को गलने तक उबालें. इसमें तकरीबन 5 मिनट का समय लगता है।
    3- अब इसी तरह से पालक को भी उबाल लें. इसमें तकरीबन 2-3 मिनट का समय लगता है. सरसों और पालक को पानी से निकालकर छलनी पर रखें और ठंडा होने दें।
    4- हरी मिर्च के डंठल हटाकर धो लें।
    5- अब सरसों, पालक, और हरी मिर्च को ग्राइंडर में मोटा पीस लें. साग को पीसते समय ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा पिसा साग स्वादिष्ट नहीं लगता है. इसलिए हल्का दरदरा ही रहने दें।
    6- अदरक और प्याज का छिलका हटाकर धो लें और फिर छोटे टुकड़ों में काट लें।
    7- अब एक कड़ाही में घी गर्म होने के लिए रखें. जब घी गर्म हो जाए तो इसमें कटे प्याज डालकर गुलाबी होने तक भूनें।
    8- इसमें तकरीबन 3-4 मिनट का समय लगता है. इसके बाद इसमें अदरक डालें और कुछ 8-10 सेकेंड्स तक भूनें।
    9- अब कड़ाही में मोटा पिसा साग डालें और सभी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें. इसे 3-4 मिनट तक पकाएं.
    10- मक्‍के के आटे को 2 बड़े चम्मच पानी में घोलकर पेस्ट बनाकर साग में डालें।
    11- अब साग में नमक, मेथी पाउडर, और गरम मसाला डालकर अच्छी तरह मिला लें. साग को लगभग 7-8 मिनट तक पकाएं।
    12- आंच बंद करके स्वादानुसार नीबू का रस डालें।
    13- सर्व करते समय साग पर घी डालें और मक्‍के की रोटी, गुड़ के साथ सर्व करें।
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  • दूध को और स्वादिष्ट बनाने के उपाय

    दूध और हरी इलायची का बहुत पुराना नाता है। दूध मे चीनी व इलायची का पाउडर मिलाने भर से उसका स्वाद चौगुना हो जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है।
    इलायची के स्थान पर उसमे चौथाई चम्मच जायफल का पाउडर मिला कर रात को पिऐं, बहुत अच्छी नींद आऐगी।
    ठंड मे एक ग्लास गर्म मीठे दूध मे आधा चम्मच हल्दी व 2–3 रेशे असली केसर घोंट कर मिला दें, इसे पीने से शरीर मे गर्मी बनी रहेगी।
    दूध को अधिक पौष्टिक बनाना हो तो पानी मे फुलाऐ हुए 4–5 बादाम बारीक पीस कर मिलाने से सोने मे सुहागा हो जाऐगा।

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  • नारियल की बर्फी बनाने की विधि

    मै यहां कच्चे नारियल (फ्रैश नारियल) की बर्फी बनाने की विधी बता रहा हूं।
    महाराष्ट्र मे रक्षाबंधन को नारळी पौर्णिमा (नारियल पौर्णिमा) कहते व मनाते हैंं। इस दिन भगवान को ताजे नारियल से बने पकवान अर्पित करने की परंपरा है।
    जैसे “नारळी भात” “नारळाच्या वड्या” “ओल्या नारळाच्या करंज्या” इत्यादि।
    खैर विधी प्रारंभ करें।
    आवश्यक सामग्री –
    कच्चे नारियल की गिरी – 200 ग्राम
    साफ सफेद शक्कर – 150 ग्राम
    फुल क्रीम दूध – 150 मिली लिटर
    चिरौंजी – 20/25 ग्राम
    छोटी इलायची -2/3
    विधी –
    सबसे पहले नारियल तोड कर गिरी निकालें। उसका काला छिलका पीलर से छील दे। अब उसके छोटे टुकडे कर के मिक्सी मे बारीक पीस लें।
    अब पिसा नारियल व दूध कडाही मे डाल कर पकाना प्रारंभ करें, जब पूरा दूध सूख जाऐ तब उसमे शक्कर डाल कर पुन: इतना पकाऐं कि मिश्रण गाढा होने लगे।
    इसी समय उसमे कुटी इलायची व चिरौंजी मिलाऐं व घी लगी थाली मे करीब आधा इंच मोटी परत डालें। जब वह थोडा टाइट हो जाऐ चाकू से 1 X 1.5 इंच या मनचाहे आकार मे कट लगा दें।
    पूरी तरह सूख जाने पर पुन: चाकू से काट कर बर्फी के पीस अलग कर लें। अगर हल्का गीला लगे तो इन्हे 3/4 घंटे खुला छोड दें।
    नारियल बर्फी तैयार है।
    इसका एक शॉर्टकट भी है।
    कच्चे नारियल के स्थान पर आप बाजार मे मिलने वाला बारीक नारियल बूरा लें, 150 ग्राम बूरे मे दो कप दूध मिला कर दो घंटे छोड दें।
    अब कच्चे नारियल के स्थान पर इस मिश्रण का उपयोग करके बर्फी बनाऐं। कुछ हद तक आपको कच्चे नारियल जैसा ही स्वाद मिलेगा।
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  • ऐसा व्यंजन हैं जो केवल आपके क्षेत्र में बनता है?

    मैं ये तो नहीं कहता कि ये मेरे ही घर में बनता है लेकिन इस विधि से बहुत कम घरों में बनता होगा। यह राजस्थान और मालवा (मध्यप्रदेश का एक भाग – इन्दौर, उज्जैन वगैरह) में बनता है। सर्दियां आ रही हैं – इस व्यंजन को पौष्टिक नाश्ते के रूप में भी खा सकते हैं। इसमें पानी का अंश बिल्कुल समाप्त कर दिया जाता है इसलिये इन लड्डूओं को एअर टाइट डिब्बे में एक महीने तक भी रख सकते हैं।
    इन्हें कहते हैं मुठिया या चूरमा के लड्डू। नीचे रही बनाने की विधि। यह पोस्ट मैंने दीवाली पर ‘सुनहरी कलम’ ब्लॉग पर पोस्ट की थी। उसी को कापी पेस्ट कर रहा हूँ, ताकि ज्यादा पाठक वर्ग तक पहुँचे।
    दीपावली के समय हर घर को कम से कम एक किलो मिठाई तो चाहिए। कभी किसी ने सोचा है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए इतनी मिठाई के लिए इतना दूध और शुद्ध घी कहाँ से आयेगा। सबको बाजार में शुद्ध मिठाई कहाँ से मिलेगी। माँग की भरपाई करने के लिए खूब मिलावटी मिठाइयाँ बनतीं हैं। हर साल 5–10% के सैम्पल भरे जाते हैं लेकिन परिणाम क्या वही ढाक के तीन पात।
    ऐसे में हम क्यों न अपने ही घर में मिठाई बनायें। हम जब छोटे थे तो हमारी माता जी, मीठी बूँदी, बेसन की बर्फी, गुलाब जामुन वगैरह घर में ही बनातीं थीं।
    चलिए आज आपको मैं मुठिया के लड्डू बनाने की विधि बनाता हूँ। इसमें सूखे मेवे (Nuts only – बादाम, काजू और पिस्ता) डालने की मैं ऐसी विधि बताऊँगा कि किसी नेट पर नहीं मिलेगी। यह हमने फरीदाबाद में एक भाटिया परिवार से सीखी थी, वे लोग जैसलमेर के थे। हम अपने घर में ये लड्डू बनाते हैं। दावा करता हूँ ऐसे लड्डू हल्दीराम भी नहीं बना सकता।
    सामग्री:—
    • रवीला गेहूँ का आटा … … 350 ग्राम
    • बेसन … … … … … … . 150 ग्राम
    • दूध – आटा और बेसन को गूँधने के लिए 250मिली
    • देशी घी … … … … … … 1 किलो
    • चीनी पिसी हुयी … … … .. 500 ग्राम
    • बादाम गिरी … … … … … 200 ग्राम
    • काजू … … … … … … … 200 ग्राम
    • पिस्ता … … … … … … .. 100 ग्राम
    • इलायची … … … … … … 10 ग्राम
    विधि:—
    एक बड़ी पराँत में रवीला आटा लें। वैसे हमारे यहाँ चक्की पर रवीला या मोटा आटा मिल जाता है। लेकिन न मिले तो 250 ग्राम सादा आटा ले लें और उसमें 100 ग्राम सूजी मिला लें। इसी में बेसन भी मिला लें। बेसन आप्सनल है। इससे स्वाद ज्यादा आता है। तीनों को ठीक से मिलाकर उसमें करीब 200 ग्राम घी को पिघला कर मिला लें। फिर इस मिश्रण को हाथ से अच्छी तरह मिला लें। अब गुनगुने दूध से थोड़ा थोड़ा डाल कर जितना सख्त हो सके उतना सख्त गूँध लें। बस उसकी मुठियाँ जैसी बनने लगना चाहिए। नीचे चित्र देखिये।
    चित्र देखकर समझ में आ गया होगा कि कैसे करना है।अब कड़ाही चढ़ाहिये चूल्हे पर। उसमे आधा किलो घी डालिये। गर्म होने के बाद थोड़ा ठन्डा हो जाने दें फिर मुठियाँ सेकते जाँयें। धीमी आँच पर सेकना है कचौड़ी जैसे। सेकते जाईये , निकालती जाईये। जो सिक जायें उन्हें थोड़ा ठंडा होने के बाद मिक्सी में पीस लीजिये और मोटी छलनी से छान लीजिये। इस तरह से सिका हुआ दरदरा रवा मिल जायेगा। चित्र देखिये।
    अब बादाम को पानी में 5 मिनिट उबाल लीजिये। पानी में से निकाल कर उनका छिलका आसानी से उतर जायेगा।इनको कड़ाही में बचे हुए घी में तल कर निकाल लीजिये। काजू को भी घी में तल कर निकाल लीजिये। पिस्ता को चाकू से बारीक बारीक कतर लीजिये।
    तले हुए बादाम को मिक्सी में घुमाकर दरदरा करके मिश्रण में मिला दीजिए। ऐसे ही काजू को भी मिक्सी में दरदरा करके मिश्रण में मिला दीजिए। अब इसमें पिसी हुयी चीनी और इलायची को छीलकर पीसकर डाल दीजिये। हाथ से सारे मिश्रण को अच्छी तरह मिलाईये। अब बचा हुआ सारा घी कड़ाही में पिघला कर इस मिश्रण में डाल लीजिये। और अच्छी तरह मिक्स करके लड्डू बनाने लगिये। जिस साइज के लड्डू अच्छे लगें उस साइज के बनाईये। लड्डू बनने में दिक्कत आये तो थोड़ा घी और गरम कर के मिला लीजिये। पानी बिलकुल नहीं छिड़कना है। ना ही चाशनी बनानी है।
    अब लोग सोच रहे होंगे कि सूखे मेवे पीस कर डाल दिये, दिख तो रहे नहीं हैं। तो सुनिये हमें ये लड्डू बाजार में शोकेश में रखके बेचने नहीं हैं। घर में खाने हैं और जो उसकी कीमत समझता हो उसे खिलाने हैं। इस बात की गारंटी है ऐसा लड्डू आज 1500/ रुपये किलो में भी कोई नहीं बना के देगा। इतने मैटेरियल का आप खुद बजन कर लो ढाई किलो से कम नहीं निकलेगा (आधा किलो आटा-बेसन, आधा किलो चीनी, आधा किलो सूखे मेवे, एक किलो घी, हो गया ढाई किलो। देशी घी एक किलो से ज्यादा भी लग सकता है। कोई भी रिफाइंड तेल या डालडा गलती से भी प्रयोग न करें।
    ये चित्र – शुचि अग्रवाल (Shuchi Agrawal) जी शैफ की साइट से।
    आप चाहें तो लड्डूओं को ऐसा शेप भी दे सकतीं हैं बच्चों को लुभाने के लिए।
    बस अब इसी से भगवान को भोग लगाईये और फिर स्वयं को भी भोग लगाईये। पसंद आयें तो टिप्पणियों में बताईयेगा।
    नोट – इस विधि में अंजु बोरदिया (Anju Bordia) जी की एक्सपर्ट एडवाइस ली गयी है, वह मालवा इलाके की ही हैं। उन्हें धन्यवाद।
    चित्रों का सोजन्य – गूगल से।

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