Author: indiangagets

  • बादाम का हलवा कैसे बनाते हैं ? इसके क्या लाभ है?

    किसी भी हलवे के मेन इगग्रेडियेंट देशी घी, चीनी और वो वस्तु (आटा, सूजी, बेसन, मूँग दाल, उड़द दाल, खसखस आदि) जिसका हलवा बनाना हो, होते हैं।
    बादाम का हलवा बनाने की विधि
    सामग्री :—
    • 1 कप बादाम
    • 1/2 (आधा) कप देशी घी
    • 3/4 कप चीनी
    • 3/4 कप दूध
    • 1 टेबल स्पून आटा (घी एब्सोर्व करने के लिए)
    • 1/2 टी स्पून इलायची पावडर
    • 8-10 कनी केशर की
    • सजाने के लिए 3–4 कतरे हुए बादाम।
    विधि :—
    • बादाम को एक मिट्टी के बर्तन या काँच की बाउल में रात 10 बजे सोने से पहले पानी में गला दें। 8 घंटे गलना है इसलिए। सुबह 7–8 बजे नाश्ते में आप बना सकते हैं।
    • सुबह 7 बजे बादाम छीलकर फिर उन्हें मिक्सर में दरदरा पीस लें और एक तरफ रख दें। पीसते समय पानी या दूध न डालें।
    • एक भगोनी में दूध में आधा कप पानी डालकर 3–4 मिनिट उबालकर एक ओर रख दें। इसी में केशर की कनी भी डाल दें, केशर अपना रंग और फ्लेवर छोड़ देगी।
    • अब एक नान स्टिक कड़ाही चढ़ाएं और उसमें घी डालें। घी पिघलने पर बादाम का पेस्ट डालकर उसे लगातार चलाते हुए 6–7 मिनिट तक भूने।
    • अब इसी में एक टेबल स्पून आटा डालें और 2 मिनिट और भूने।
    • इसके बाद दूध-पानी का उबला हुआ मिश्रण भुनी हुयी बादाम में डालें और 5 मिनिट तक उसे चलाते रहें।
    • अब चीनी डालकर 2 मिनिट तक चलायें। मिश्रण गाढ़ा होने लगेगा और घी छोड़ने लगेगा।
    • इस स्टेज पर इलायची पावडर डालकर ठीक से मिला दें और गैस बन्द कर दें। आपका हलवा बनकर तैयार है। ऊपर से कतरा हुआ बादाम डाल दें और सर्व करें।
    • छोटी – छोटी बाउल में 3–3 या 4–4 चम्मच सर्व कर दें। और आपनी तारीफ सुनने के लिए तैयार रहें।
    नोट :— 1) इसी हलवे में आटे की जगह 2 चम्मच खसखस को भी पानी में गलाकर और उसे भी बादाम के साथ पीस कर बादाम – खसखस का हलवा बनाया जा सकता है।
    2) मैंने 1960 से 1990 तक की प्रसिद्ध भोजन विधिविद् तरला दलाल जी की विधि पढ़कर उत्तर लिखा है। Quora पर जो भी वरिष्ठ पाठिकाएं होंगी उन्होंने होम साइंस में तरला दलाल की पुस्तकें अवश्य पढ़ी होंगी। जैसे आज संजीव कपूर फेमस हैं उस समय तरला दलाल हुआ करती थीं और आज भी वह किसी इंट्रोडक्शन की मोहताज नहीं हैं। वह कुकिंग के क्षेत्र की बेताज बादशाह हैं।
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • सूजी के हलवे को और अधिक स्वादिष्ट कैसे बना सकते हैं?

    • स्वादिष्ट सूजी का हलवा – सामग्री – सूजी एक कटोरी
    • शक्कर आधी कटोरी
    • शुद्ध घी दो बड़े चम्मच
    • पाइनएप्पल के टुकड़े पसंद के अनुसार
    • रोस्ट किए हुए काजू बादाम के टुकड़े आधी कटोरी
    पानी डेढ़ कटोरी
    सूजी के हलवे को और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए सूजी शुद्ध घी में अच्छी तरह भुने जब तक की खुशबू आने लगे। उसके पश्चात गरम पानी डालें जब पानी सूखने लगे तब शक्कर डालें इसके पश्चात पाइनएप्पल के छोटे-छोटे टुकड़े मिला दे और अच्छी तरह से मिक्स करें जब घी छूटने लगे तो गैस बंद कर दें । हलवा तैयार है।
    इसमें ऊपर से रोस्ट किए हुए काजू बादाम के टुकड़े सजाकर फैला दें। ये हलवा बहुत स्वादिष्ट लगता है इसे पाइनएप्पल हलवा कहते हैं। यह हलवा हमारे घर में सभी को बहुत पसंद है ।आप भी अवश्य बना कर देखें।🙏
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • दुनिया के 5 सबसे अजीब फल क्या हैं?

    सब जानते हैं सेब, संतरा, अमरुद, अंगूर यह सब फल हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे फल भी हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता। इस लेख में हम उन्हीं फलों के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में आपने शायद ही सुना हो।
    5. मिरेकल फल
    मिरेकल फल पश्चिमी अमेरिका के जंगलों में पाया जाता है। यह लाल रंग का छोटा फल होता है। चिकित्सा के क्षेत्र में इसे कैंसर के रोगियों की भूख बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसे चमत्कारी बेरी या फिर मीठी बेरी भी कहा जाता है। यह फल आपकी गैलरी कम करने में मदद करता है। इसका ज्यादा सेवन करने से आपको एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है।
    4. मेंगोस्टीन फल
    मेंगोस्टीन फल इंडोनेशिया में पाया जाता है। इंडोनेशिया के साथ-साथ यह दक्षिण अमेरिका के देशों में भी पाया जाता है। आमतौर पर यह जामुनी रंग का होता है। इसका खाद्य पदार्थ एक त्रिभुज के आकार का होता है। यह फल काफी खुशबूदार होता है। यह फल कोलेस्ट्रोल रहित होता है। इनमें विटामिन सी की मात्रा भी भरपूर होती है जिससे आप संक्रमण से दूर रहते हो। गर्मियों के मौसम में इसका प्रयोग दक्षिण एशियाई देशों में मशहूर है। यह फल आपको पेट की बीमारियों से भी दूर रखता है।
    3. चेरिमोया फल
    चेरिमोया फल को ‘चेरिमोलीया’ के नाम से भी जाना जाता है। ये फल कभी-कभी दिल के आकार के भी होते हैं। ये बाहर से देखने में हरा व अंदर से देखने पर सफेद दिखाई देता है। इसके अंदर सेब के बीजों के समान कुछ काले बीज भी होते हैं। इसका स्वाद अनानास, केले और स्ट्रॉबेरी के मिश्रण के समान होता है। इस फल में कोलेस्ट्रॉल और वसा की मात्रा न के बराबर होती है। इसमें विटामिन ‘बी’ और विटामिन ‘डी’ भी पाया जाता है जो शरीर के अच्छे संचालन के लिए मददगार रहते हैं।
    2. ड्रैगन फल
    ड्रैगन फल ‘पटाया’ प्रकृति के एक अनोखा पौधे पर लगने वाला, गुलाब की कली के आकार का, गुलाबी रंग का एक फल है। यह फल थाईलैंड, वियतनाम जैसे कई दक्षिण एशियाई देशों में उगाया जाता है। यह बाहर से गुलाबी नजर आता है लेकिन अंदर से एक मुलायम खाद्य भाग होता है। इसमें छोटे-छोटे काले रंग के बीज भी होते हैं। इसका स्वाद नाशपती और कीवी फल के मिश्रण जैसा होता है। इसमें कैल्शियम जैसे तत्व मौजूद रहते हैं जिससे दांतो और हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
    1. लुकुमा फल
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • पंच फोड़न मसाला क्या है ? इसका प्रयोग किसमे किया जाता है ?

    पंचफोरन (पंचफोडन) भारत के कुछ प्रदेशों मे, जैसे असम, बंगाल, पूर्वोत्तर बिहार, झारखंड व उडीसा मे लगभग हर बघार व तडके मे उपयोग किया जाता है।
    यह कोई मसाला नही होता बल्कि जैसे आम तौर पर जीरा या राई से बघार लगाया जाता है वैसे ही पंच फोरन मे पांच चीजे़ मिला कर रखी जाती हैं, व उनसे तडका लगाया जाता है।
    राई, जी़रा, कलौंजी, मेथीदाना व सौंफ इन सभी को समान मात्रा मे मिलाकर रखा जाता है, इसे ही पंचफोरन कहते हैं।
    इनका मिलाजुला फ्लेवर बडा अच्छा होता है।
    चित्र प्रतीकात्मक – गूगल से साभार
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • हरीरा कैसे बनाते हैं?

    जब घर में नए शिशु का आगमन होता है तब हरीरा बनाया जाता है बच्चे की मां के लिए।
    हमको हरीरा बड़ा ही पसन्द है लेकिन बचपन में हमको लगता था कि ये केवल तभी बन सकता है जब घर में नया मेहमान आए और बनता भी विशेष रूप से केवल मां के लिए तो सबको तो बस चखने को ही मिल सकता है। लेकिन हम तो हमेशा ही इसे खाने के शौकीन थे,चखने मात्र से काम नही चलता था हमारा।
    आज जब सारी बात स्पष्ट हो गई कि हरीरा को खाने के लिए किसी बड़े कारण की जरूरत नही तो हम सर्दियों में अधिकतर इसे बनाना पसन्द करते है लेकिन कुछ कम जड़ीबूटियों के साथ क्योंकि जब हरीरा बच्चे की मां के लिए बनता है तो इसमें कुछ और भी चीजे डाली जाती है। लेकिन हम आपको अपनी पसन्द का ही हरीरा आज खिलाएगे।
    सामग्री –
    • घी
    • गुड़
    • मेवा
    • सौंठ
    • हल्दी
    • जीरा
    • आजमाइन
    विधि-
    इसके सबसे पहले कड़ाई में थोड़ा घी गर्म करें और उसमें बारीक कटे हुए बादाम,काजू,नारियल,मखाने और किसमिस को सेक ले और थोड़ा नारियल कद्दू कस भी करके सेक ले। इसके बाद इसी कड़ाई में और थोड़ा घी डाले इसमें हल्दी पाउडर,सौंठ पाउडर ,जीरा पाउडर,अज मायन पाउडर को भून लें और फिर इसमें गुड़ के छोटे-छोटे टुकड़े करके डालो और जब गुड़ पिघलने लगे तो इसमें अपनी पसन्द अनुसार थोड़ा पानी डालें,पसन्द इसलिए बोला कि कुछ लोग इसे थोड़ा गाड़ा पसन्द करते है और हम थोड़ा पतला जो चम्मच से सूप की तरह पीओ। अब जब गुड़ पिघल जाए तो इसमें सिकी हुई सारी मेवा डाल दो और इसे थोड़ी देर तक बॉइल होने दो। बस अब ये हो गया खाने के लिए तैयार। हमने आज जवाब लिखते में ही घर पर ऐलान कर दिया है कि आज शाम को हरीरा बनाएंगे।
    चित्र स्रोत-गूगल।
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • क्या सूजी के लडडू भी बनते हैं? कृपया रेसिपी भी साझा करें।

    सूजी के लड्डू अगर सही तरीके से बनाऐ जाऐं तो वे हर प्रकार के अन्य लड्डू को टक्कर दे सकते हैं।
    मै यहां उनकी वह रेसिपी लिख रहा हूं, जो हमारे घर मे मेरी माताजी के समय से चली आ रही है।
    बनाऐं महाराष्ट्रियन “रव्या च़े लाडू”
    आवश्यक सामग्री –
    बारीक सूजी (रवा) – 250 ग्राम
    साफ सफेद चीनी – 350 से 400 ग्राम
    शुद्ध घी – 150 – 200 ग्राम
    हरी इलायची – 5–7 पिसी
    किशमिश – 50 ग्राम
    चिरौंजी – 50 ग्राम
    दूध – 2 चम्मच
    विधी –
    एक कडाही मे घी लें, उसे मीडियम आंच पर रखें व उसमे सूजी डालें व लगातार चलाते हुऐ भूनें।
    जब उसका रंग हल्का ब्राउन हो जावे व अच्छी खुशबू आने लगे आंच बन्द करें पर एक दो मिनट चलाते रहें, अन्यथा नीचे की सूजी जल जाऐगी।
    अब दूसरी कडाही मे चीनी लें व उसमे इतना पानी डालें कि चीनी केवल गीली भर हो जावे।
    उसे आंच पर रखें व चीनी के पूरी तरह घुलने तक चलाते रहें, जब चासनी मे हल्का उबाल आने लगे, उसमे दो चम्मच दूध डाले, इससे चासनी की पूरी गंदगी ऊपर तैर कर किनारों पर आ जाऐगी आप उसे संभाल कर निकाल दें।
    एक बार चेक कर लें, यह चासनी एक तार की हो।
    अब इस चासनी मे भुनी हुई सूजी, चिरौंजी, इलायची व किशमिश, डालें व अच्छी तरह मिक्स करें व 1–2 घंटे हेतु छोड दें।
    अब उसे चेक करें अगर मिश्रण लड्डू बांधने लायक टाइट हो गया हो तो ठीक वर्ना कुछ देर और छोड दें। जब मिश्रण सही स्तर पर आ जाऐ, उसके लड्डू बांंध लें।
    अगर मिश्रण अधिक सूख गया हो तो हल्का दूध का छींटा मार कर उसे थोडा सॉफ्ट करें, फिर लड्डू बांध लें।
    कई बार इसमे सूजी के साथ थोडा मावा, थोडा बेसन या कच्चे नारियल का बुरादा मिलाने का भी चलन है।
    फिर ? कब बना रहे हैं ये महाराष्ट्रियन स्टाइल के सूजी के लड्डू।
    चित्र प्रतीकात्मक – गूगल से साभार
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • कौन-सा फल किस समय खाने से शरीर को सबसे ज्यादा फायदा मिलता है?

    क्या आपको पता है कि फल खाने का भी एक सही समय होता है। सही समय पर खाया गया फल शरीर को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाता है। सही समय क्या है आओ जानते हैं:-
    1. सेब
    सेब में फाइबर की ज्यादा मात्रा पाई जाती है। इसमें पेक्टिन नाम का तत्व मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रॉल और बीपी के लेवल को कम करता है। इसे सुबह के नाश्ते में या लंच से एक घंटा पहले खाना चाहिए जिससे शरीर को ज्यादा फायदा मिलता है। रात को सेब खाने से पेट में गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    2. केला
    केले में आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा बहुत पाई जाती है। केला खाने से खून की कमी दूर होती है। केला खाने का सही समय है नाश्ते के साथ या दोपहर को भी खा सकते हैं। इसे खाली पेट नहीं खाना चाहिए।
    3. अंगूर
    सुबह खाली पेट अंगूर खाना शरीर को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाता है। अंगूर में पानी की मात्रा होने के कारण यह शरीर में पानी की कमी को भी दूर करता है।
    4. अनार
    अनार को नाश्ते के साथ खाने से शरीर में सारा दिन एनर्जी बनी रहती है। अनार भारी न होने के कारण इसे शाम को भी खाया जा सकता है।
    5. आम
    आम की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन दूध के साथ करना चाहिए जिससे शरीर को बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। शरीर को ताकत मिलती है और त्वचा में चमक आती है। आम में कैलोरीज़ ज्यादा मात्रा में होती है इसलिए इसे रात को नहीं खाना चाहिए।
    6. पपीता
    पपीता एक ऐसा फल है यह दिनभर में कभी भी खाया जा सकता है। रात को खाना खाने से पहले इसका सेवन करें। खाना खाने के बाद इसे न खाएं। सुबह नाश्ते के बाद या दोपहर के खाने से एक घंटा पहले खाना चाहिए।
    7. अनानास
    अनानास (Pineapple) में बोमेलेन नायक इंजाईम होता है जो शरीर में प्रोटीन को बेहतर तरीके से पचाने का काम करता है। इसलिए इसे खाना खाने के बाद ही सेवन करना चाहिए। इसका सेवन दोपहर को करना चाहिए।
    8. तरबूज
    गर्मियों में तरबूज का सेवन बहुत लाभकारी माना गया है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। तरबूज को खाली पेट खाएं या दोपहर को खाना खाने के एक घंटे बाद लेकिन तरबूज को रात को नहीं खाना चाहिए इससे नींद आने में परेशानी हो सकती।
    9. अमरूद
    अमरूद को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाया जाए तो शरीर में आयरन तत्व की पूर्ति हो जाती है और साथ ही कब्ज की समस्या भी दूर होती है। अमरूद को नाश्ते में खाली पेट खाने से सबसे ज्यादा फायदा होता है। इसमें मौजूद फ्रकटोज शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।
    10. संतरा
    संतरे में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है। यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है। संतरे को एकदम सुबह और रात को नहीं खाना चाहिए। सुबह नाश्ते और लंच के बाद इसका सेवन करना चाहिए।
    इसके अलावा नाशपाती, आडू, चीकू, खुरमानी को खाली पेट या शाम तक खाया जा सकता है। इसके अलावा जो फल इसमें नहीं आए वह आप नाश्ते व लंच के बाद और लंच के बाद से लेकर शाम तक किसी भी समय खा सकते हैं।
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • पाव भाजी की रेसिपी क्या है जिससे मार्केट जैसी पाव भाजी बने?

    पाव भाजी में बस भाजी बनाना ही कला है। पाव को तो बीच से चाकू से चीर कर मक्कखन लगाकर तवे पर सेक कर परोस देना है। तो आईये भाजी बनाते हैं।
    सामग्री:—
    • दो – तीन मध्यम आकार के आलू
    • फूल गोभी लगभग 100 ग्राम
    • हरी मटर के छिले हुये दाने 75 ग्राम
    • हरी शिमला मिर्च एक बड़े साइज की
    • पके हुए लाल 3–4 टमाटर
    • हरी मिर्च 4 कटी हुयी
    • हरा धनिया बारीक कतरा हुआ एक चम्मच
    • अदरक का पेस्ट एक छोटा चम्मच
    • एक प्याज बारीक कटा हुआ (आप्शनल)
    • लहसुन की 2–3 कलियाँ बारीक कटी हुयी या उसका पेस्ट (आप्शनल)
    • पावभाजी मसाला दो चम्मच
    • कश्मीरी मिर्च पावडर आधा चम्मच। भाजी में जब तक चटक लाल रंग न आये तब तक आँखों को शुकून नहीं मिलता। जब चीज देखने में अच्छी हो तभी खाने का मन करता है।
    • गरम मसाला आधी चम्मच
    • हींग दो चुटकी
    • जीरा आधा चम्मच
    • नमक स्वादानुसार
    • तेल दो बड़े चम्मच
    • मक्कखन – भाजी पर ऊपर से डालने के लिये और पाव सेकने के लिए।
    भाजी बनाने की विधि :—
    आलू को छीलकर बारीक काट लीजिए। फूल गोभी को भी बारीक काट लीजिये। शिमला मिर्च के अन्दर के बीजे निकालकर उसको भी बारीक काट लीजिये। मटर छिले हुए हैं ही। टमाटर को भी बारीक काट लीजिये।
    अब यहाँ से बनाने के दो तरीके हैं:—
    पहला – टमाटर की ग्रेवी बनाकर (नीचे दुसरी विधि में डिटेल में बताया गया है) उसमें कटी हुयी सारी सब्जियाँ डाल कर उबाल कर मैस कर दीजिए। बस आपकी पाव भाजी तैयार है।
    दूसरा – कटे हुए आलू, फूल गोभी, हरी मटर और शिमला मिर्च को गर्म पानी में 5 मिनट नमक डाल कर उबाल लीजिये। अब इन्हें छान लीजिए और बचे हुए पानी को फेकिए मत, उसी को बाद में भाजी में मिलाएंगे। मैं इसी विधि से बनाता हूँ।
    गैस पर कड़ाही चढ़ाईये। दो बड़े चम्मच तेल डालिए, गर्म होने दीजिए। हींग, जीरा डालिए और इसके तुरंत बाद यदि लहसुन प्याज खाते हों तो वह डालिए नहीं तो सीधे अदरक, हरी मिर्च डालकर एक मिनिट भूनिए। प्याज होगी तो 3–4 मिनिट भूनना पड़ेगा। अब टमाटर डालिए और कलछी से चलाते हुये उसे तब तक भूनिए जब तक वो तेल न छोड़ने लगें। अब पावभाजी मसाला, गरम मसाला, कश्मीरी मिर्च पावडर डालकर आधा मिनिट भूने। मसाला जलने न दें और इसी स्टेज पर उबले हुए आलू, फूलगोभी, मटर और शिमला मिर्च डाल दीजिये। दो मिनिट भूनिये फिर उबालने वाला बचा हुआ पानी डाल दीजिये। 5 मिनिट पकने दीजिए फिर सब्जियों को दबाकर मैस कर दीजिए। इस भाजी में पीस अच्छे नहीं लगते। अब हरा धनिया और चौथाई चम्मच गरम मसाला पावडर डालकर और दो चम्मच मक्खन डाल कर मिलाकर कड़ाही को उतार लीजिए। यदि रविवार है तो इस समय तक इसकी खुश्बू से पतिदेव और बच्चे सब किचिन में आपके पीछे खड़े होंगे कि कब आप पाव सेको और सबको परोसो।
    बस पाव को मक्कखन लगाकर सेकते जाईये और सबको देते जाईये। जो लोग लाल मिर्च और लहसुन की चटनी पसंद करते हों वो उस चटनी को भी पहले बना सकते हैं। हरा प्याज मिल जाए और पसंद करते हों तो वह भी परोसिए।
    इस तरह से ये सब आपको मुम्बई सी एस टी एम रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही CANON पावभाजी काउंटर पर मिल जायेगा। वहाँ बिना प्याज लहसुन की जैन पावभाजी भी मिलती है वह उल्टा 5 रुपये प्लेट मंहगी मिलती है। इस काउंटर पर मेंने 1976 से पावभाजी खानी शुरु की थी और अभी भी जब भी मुम्बई जाता हूँ वहीं पावभाजी खाता हूँ।
    कुछ कमी रह गयी हो तो टिप्पणी में बताईयेगा, स्वागत है आपका। मैं यहाँ डिक्लेयर कर रहा हूँ कि मैंने इसको लिखने में नेट पर जाकर कोई रेसिपी नहीं पड़ी है। हर सर्दियों में 3–4 बार बनाता हूँ तो विधि बाई हार्ट याद हो गयी है। और मैंने लिखना एंज्वाय भी किया है। एंज्वाय वही कर सकता हो जो अच्छे खाने का प्रेमी हो। पढ़ने के लिए धन्यवाद।
    चित्र – गूगल के सौजन्य से।
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • दही जमाने का सही तरीका क्या होना चाहिए जिससे सेहत पर गलत असर ना हो

    अगर आप दही के फ़ायदों में यक़ीन रखते हैं तो दही कैसे भी जमाई गयी हो, सेहत के लिए बुरी नहीं होती।
    मैं सबसे पहले दही जमाने का एक तरीक़ा साझा करूँगी।
    दही ज़माने का सरल तरीक़ा:
    मैंने अपनी माँ को इसी तरीक़े से दही जमाते बचपन से देखा है। एक पतीले में दूध (जितनी दही जमानी हो उस मात्रा में अंदाज़े से दूध लें) लें और उसे उबाल आने तक गरम करें। जब दूध उबलता है तो उसकी सतह पर थोड़ा सूखी सी दिखने वाली परत जम जाती है। जब ऐसा हो तो समझें कि दूध जमाने के लिए तैयार है। चूल्हा बंद कर दें और दूध को ठंडा होने दें। चाहें तो दूध को दही जमाने वाले बर्तन में डाल लें जिससे दूध जल्दी ठंडा हो सके। जब दूध हल्का गुनगुना हो, तब एक चम्मच पहले से बनी दही गुनगुने दूध में डालें। इसे हम जामन कहते हैं।
    मेरे ख़ास टिप:
    • अब दूध को अच्छी तरह से उछालें ताकि दही उसमें अच्छी तरह से मिल जाए और उसमें बढ़िया सा झाग आ जाए। इससे दही बहुत बढ़िया जमती है। यह ठीक वैसे ही उछालें जैसे जब आप गरम दूध को ठंडा करने के लिए दो गिलास के बीच दूध को उछालते हैं।
    • ध्यान रखें कि दही को एक अलग बर्तन में जमाएँ; दूध जिसमें उबला है, उसमें नहीं।
    अब दही वाले बर्तन को एक ऐसी जगह पर रखें, जहाँ कोई उसे हाथ ना लगाए। मैं अक्सर उसे माइक्रोवेव के अंदर रख देती हूँ। गरमियों में बाहर भी रख सकते हैं, क्यूँकि उसे और गरमाहट की ज़रूरत नहीं होती। गरमियों में दही अक्सर 4–5 घंटों में जम जाती है। सर्दियों में 6–7 घंटे लग सकते हैं। सर्दियों में आप दही के बर्तन को एक कपड़े में लपेट कर रख सकती हैं।
    कुछ ज़रूरी बातें जिनसे आप पौष्टिक और स्वादिष्ट दही बना सकते हैं:
    • जामन वाला दही खट्टा ना हो। इससे नयी दही भी खट्टी ही होगी।
    • किसी उपलक्ष्य पर इस्तेमाल करने के लिए बढ़िया दही बनाने के लिए आप होल मिल्क का इस्तेमाल करें, टोंड मिल्क का नहीं। अन्यथा रोज़ के सेवन के लिए टोंड मिल्क इस्तेमाल कर सकती हैं, क्यूँकि होल मिल्क से बनी दही उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है जो वज़न कम करना चाहते हैं या संतुलित रकहन चाहते हैं। बाद यह बहुत मलाईदार और गाढ़ा नहीं होगा।
    • जिस पतीले में दूध उबाला गया, उसमें दही ना जमाएँ।
    • याद रखें, दूध बहुत ज़्यादा गरम ना हो वरना दही खट्टा जम सकता है।
    • दूध बहुत ज़्यादा ठंडा भी ना हो, इससे दही जमने में दिक़्क़त आ सकती है और वह पानी-पानी हो जाएगी।
    • सेहत की आगे बात करें, तो आप दही को एक मिट्टी के बर्तन में जमा सकते हैं। यह बहुत फ़ायदेमंद होती है और अत्यधिक स्वादिष्ट भी। बस दही ज़माने से पहले बर्तन को अच्छी प्रकार से धो लें।
    • दही के सेवन आप पौष्टिक तरीक़ों से कर सकते हैं, जैसे कि, मट्ठा बना कर पीना, दही में अलसी के बीज, धनिया और पुदीना डाल कर खाना इत्यादि। शक्कर मिलाकर खाने से दूर रहें। घर का बना पनीर बना कर खाएँ और पकाएँ। दही का पौष्टिक रायता बना सकते हैं।
    बस दही जम जाए तो उसे तुरंत फ़्रिज में रखें और दही से बने विविध प्रकार के व्यंजन का स्वाद लें वरना ज़्यादा देर तक बाहर रखी दही खट्टी हो जाएगी और सेहत के लिए अच्छी नहीं होगी।
    Welcome to my Blog Food Lovers
  • खीर को स्वादिष्ट कैसे बनाया जा सकता है ?

    खीर का उल्लेख पौराणिक भारतीय पाककला पुस्तकों में भी है। खीर को भारत में पूजा-पाठ से लेकर शादी-ब्याह और सभी शुभ अवसरों में बनाने का चलन है।
    हमारे घर पर हर शुभ अवसर पर सत्यनारायण भगवान की कथा होती थी और इसके लिए चावल की खीर भोग के लिए जरूर बनती थी।
    एक बात मुख्य है यहाँ कि अगर खीर को कच्चे खाने के साथ बनाया जा रहा है तो पहले दूध उबाला जाता है फिर उसमें धुले चावल डालकर पकाये जाते हैं। इस खीर को शुद्ध माना जाता है और इसे कच्चे खाने (दाल, चावल, रोटी, सब्जी) का हिस्सा माना जाता है।
    लेकिन अगर खीर को पक्के खाने के साथ परोसा जाना है जैसे पूड़ी, कचौड़ी आदि तो खीर बनाने के लिए पहले बर्तन में घी गरम किया जाता है उसके बाद इसमें चावल को भूना जाता है फिर उसके बाद इसमें दूध डालकर इसे पकाया जाता है।
    यह नियम विशेष रूप से चावल की खीर के लिए है क्योंकि चावल अन्न है। वैसे पारंपरिक रूप से देखें तो खीर शब्द का इस्तेमाल चावल की खीर के लिए ही होता है।
    • खीर को स्वादिष्ट बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप ध्यान रखें कि पकाते समय खीर तली में लगे नहीं। अगर खीर तली में लग जाती है तो पूरी खीर में जलने की महक आ जाती है।
    • खीर ज्यादा स्वादिष्ट बनती है जब इसे धीरज से दूध में पकाया जाये। चौथाई कप चावल(चार बड़े चम्मच/ ५० ग्राम) की खीर बनाने के लिए लगभग ५ कप दूध में इसे पकाना होता है। अब इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खीर बनाने में समय लगता है।
    • कंडेंस्ड मिल्क, या फिर मिल्क पाउडर आदि डालने से खीर जल्दी गाढ़ी हो जाती है लेकिन खीर में वो बात नहीं आती।
    • चावल की खीर में केसर डालने से इसमें चार चाँद लग जाते हैं। केसर को गुनगुने दूध में भिगो कर अलग रखें। जब खीर तैयार हो जाये तब आंच बंद करने के बाद दूध में भीगी केसर खीर में डालें। ऐसा करने से केसर की खुशबू खीर में बनी रहती है।
    • कई लोग खीर में केवड़ा जल भी डालते हैं।
    • खीर कोई भी हो लेकिन मेवा और इलायची तो खीर के जोड़ीदार हैं हीं। मेवा का चुनाव आप स्वादानुसार कर सकते हैं।
    • कुछ घरों में खीर में विशेष रूप से चिरौंजी डाली जाती है।
    मैं चावल के अलावा, सेवई की, मखाने की, बादाम की, लौकी की, रामदाने की, साबूदाने आदि कई स्वाद की खीर बनाती हूँ। व्रत में मुख्य रूप से मखाने की खीर बनाती हूँ जिसमें सिर्फ मेवे के तौर पर बादाम डालती हूँ, इसमें केसर की जरूरत नहीं होती।
    Welcome to my Blog Food Lovers