पाव भाजी में बस भाजी बनाना ही कला है। पाव को तो बीच से चाकू से चीर कर मक्कखन लगाकर तवे पर सेक कर परोस देना है। तो आईये भाजी बनाते हैं।
सामग्री:—
- दो – तीन मध्यम आकार के आलू
- फूल गोभी लगभग 100 ग्राम
- हरी मटर के छिले हुये दाने 75 ग्राम
- हरी शिमला मिर्च एक बड़े साइज की
- पके हुए लाल 3–4 टमाटर
- हरी मिर्च 4 कटी हुयी
- हरा धनिया बारीक कतरा हुआ एक चम्मच
- अदरक का पेस्ट एक छोटा चम्मच
- एक प्याज बारीक कटा हुआ (आप्शनल)
- लहसुन की 2–3 कलियाँ बारीक कटी हुयी या उसका पेस्ट (आप्शनल)
- पावभाजी मसाला दो चम्मच
- कश्मीरी मिर्च पावडर आधा चम्मच। भाजी में जब तक चटक लाल रंग न आये तब तक आँखों को शुकून नहीं मिलता। जब चीज देखने में अच्छी हो तभी खाने का मन करता है।
- गरम मसाला आधी चम्मच
- हींग दो चुटकी
- जीरा आधा चम्मच
- नमक स्वादानुसार
- तेल दो बड़े चम्मच
- मक्कखन – भाजी पर ऊपर से डालने के लिये और पाव सेकने के लिए।
भाजी बनाने की विधि :—
आलू को छीलकर बारीक काट लीजिए। फूल गोभी को भी बारीक काट लीजिये। शिमला मिर्च के अन्दर के बीजे निकालकर उसको भी बारीक काट लीजिये। मटर छिले हुए हैं ही। टमाटर को भी बारीक काट लीजिये।
अब यहाँ से बनाने के दो तरीके हैं:—
पहला – टमाटर की ग्रेवी बनाकर (नीचे दुसरी विधि में डिटेल में बताया गया है) उसमें कटी हुयी सारी सब्जियाँ डाल कर उबाल कर मैस कर दीजिए। बस आपकी पाव भाजी तैयार है।
दूसरा – कटे हुए आलू, फूल गोभी, हरी मटर और शिमला मिर्च को गर्म पानी में 5 मिनट नमक डाल कर उबाल लीजिये। अब इन्हें छान लीजिए और बचे हुए पानी को फेकिए मत, उसी को बाद में भाजी में मिलाएंगे। मैं इसी विधि से बनाता हूँ।
गैस पर कड़ाही चढ़ाईये। दो बड़े चम्मच तेल डालिए, गर्म होने दीजिए। हींग, जीरा डालिए और इसके तुरंत बाद यदि लहसुन प्याज खाते हों तो वह डालिए नहीं तो सीधे अदरक, हरी मिर्च डालकर एक मिनिट भूनिए। प्याज होगी तो 3–4 मिनिट भूनना पड़ेगा। अब टमाटर डालिए और कलछी से चलाते हुये उसे तब तक भूनिए जब तक वो तेल न छोड़ने लगें। अब पावभाजी मसाला, गरम मसाला, कश्मीरी मिर्च पावडर डालकर आधा मिनिट भूने। मसाला जलने न दें और इसी स्टेज पर उबले हुए आलू, फूलगोभी, मटर और शिमला मिर्च डाल दीजिये। दो मिनिट भूनिये फिर उबालने वाला बचा हुआ पानी डाल दीजिये। 5 मिनिट पकने दीजिए फिर सब्जियों को दबाकर मैस कर दीजिए। इस भाजी में पीस अच्छे नहीं लगते। अब हरा धनिया और चौथाई चम्मच गरम मसाला पावडर डालकर और दो चम्मच मक्खन डाल कर मिलाकर कड़ाही को उतार लीजिए। यदि रविवार है तो इस समय तक इसकी खुश्बू से पतिदेव और बच्चे सब किचिन में आपके पीछे खड़े होंगे कि कब आप पाव सेको और सबको परोसो।
बस पाव को मक्कखन लगाकर सेकते जाईये और सबको देते जाईये। जो लोग लाल मिर्च और लहसुन की चटनी पसंद करते हों वो उस चटनी को भी पहले बना सकते हैं। हरा प्याज मिल जाए और पसंद करते हों तो वह भी परोसिए।
इस तरह से ये सब आपको मुम्बई सी एस टी एम रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते ही CANON पावभाजी काउंटर पर मिल जायेगा। वहाँ बिना प्याज लहसुन की जैन पावभाजी भी मिलती है वह उल्टा 5 रुपये प्लेट मंहगी मिलती है। इस काउंटर पर मेंने 1976 से पावभाजी खानी शुरु की थी और अभी भी जब भी मुम्बई जाता हूँ वहीं पावभाजी खाता हूँ।
कुछ कमी रह गयी हो तो टिप्पणी में बताईयेगा, स्वागत है आपका। मैं यहाँ डिक्लेयर कर रहा हूँ कि मैंने इसको लिखने में नेट पर जाकर कोई रेसिपी नहीं पड़ी है। हर सर्दियों में 3–4 बार बनाता हूँ तो विधि बाई हार्ट याद हो गयी है। और मैंने लिखना एंज्वाय भी किया है। एंज्वाय वही कर सकता हो जो अच्छे खाने का प्रेमी हो। पढ़ने के लिए धन्यवाद।
चित्र – गूगल के सौजन्य से।
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